राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीनगर में चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन किया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो (री-इन्वेस्ट) का शुभारंभ किया। तीन दिवसीय इस शिखर सम्मेलन में भारत की 200 गीगावाट से अधिक गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करने में योगदान देने वालों को सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अत्याधुनिक नवाचारों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

मोदी ने कहा कि भारत की विविधता और क्षमता दुनिया भर के लिए प्रेरणा है और भारत 21वीं सदी का सबसे संभावनाशील देश है। उन्होंने भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं की सराहना की, यह बताते हुए कि भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय सीमा से नौ साल पहले पूरा करने वाला पहला जी-20 देश है। उन्होंने 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया और पीएम सूर्य घर योजना की सफलता का उल्लेख किया, जिसके तहत 1 करोड़ 30 लाख से अधिक परिवारों ने पंजीकरण कराया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विविधता, व्यापकता, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन सभी अद्वितीय हैं और वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधानों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मानना है कि भारत 21वीं सदी का सर्वाधिक संभावनाओं वाला देश है।” पिछले एक महीने में भारत द्वारा आयोजित वैश्विक कार्यक्रमों को याद करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट का आयोजन किया गया। दुनिया भर के लोगों ने पहले अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव, ग्लोबल सेमीकंडक्टर शिखर सम्मेलन में भाग लिया। भारत ने दूसरे एशिया-प्रशांत नागर विमानन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की भी मेजबानी की और आज भारत हरित ऊर्जा के सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस कार्यक्रम के दौरान भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि किस तरह नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त कर रहा है। उन्होंने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की अपार संभावनाओं का दोहन करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

जोशी ने री-इन्वेस्ट मीट में भाग लेने वाले राज्यों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, हमारे राज्य न केवल हरित भविष्य के लिए भारत के सामूहिक दृष्टिकोण पर जोर देते हैं, बल्कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और उसे बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। श्री प्रल्हाद जोशी ने देश में स्थापित गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता को 200 गीगावाट से अधिक करने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए राज्यों और उद्योगों को भी बधाई दी। अन्य राज्यों से आग्रह किया कि वे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की सफलता की कहानियों से सीखें और अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप उन्हें अपनाएं।

इस अवसर पर कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उद्योगपति और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *