एसडीसी फाउंडेशन ने जारी की उदास की 14वीं रिपोर्ट, नवम्बर में पूरे महीने छाया रहा सिलक्यारा सुरंग हादसा
देहरादून। सोशल डेपलपमेंट फॉर कम्यूनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन ने उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास) की 14वीं रिपोर्ट जारी कर दी है। फाउंडेशन पिछले वर्ष अक्टूबर 2022 से हर महीने उत्तराखंड में बड़ी आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं पर रिपोर्ट जारी कर रही है। नवम्बर 2023 की यह रिपोर्ट पूरी तरह से सिलक्यारा सुरंग हादसे पर फोकस है। हालांकि रिपोर्ट में नैनीताल जिले में हुई दो बड़ी सड़क दुर्घटनाओं और जोशीमठ धंसाव को भी जगह मिली है।
सुरंग में 17 दिन
उदास नवम्बर 2023 रिपोर्ट में उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा टनल हादसे की दिन प्रतिदिन का घटनाक्रम दर्ज किया गया है। 12 नवंबर 2023 को राष्ट्रीय राजमार्ग 134 पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग सुबह करीब 5ः30 बजे ध्वस्त हो गई। सुरंग में 41 मजदूर फंस गये। राज्य और केन्द्र सरकार की कई एजेंसियां बचाव कार्य में शामिल हुई। शुरू में बचाव प्रयासों कई तरह की परेशानियां सामने आई। कई तरह की मशीनें मंगवाई गई और अंत में रैट होल माइनर्स ने मैन्यूअल तरीके से होल करके एक्सेस पाइप मजदूरों तक पहुंचाया और इस तरह बचाव अभियान सफल रहा।
ऐसे चला बचाव अभियान
12 नवंबर को घटना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल बचाव कार्य में जुटे। मजदूरों तक पाइप के जरिये ऑक्सीजन, भोजन और बिजली पहुंचाई गई। 13 नवंबर को पाइप के जरिए फंसे हुए लोगों से संपर्क हुआ। 14 नवंबर को मलबे में से 900 मिमी व्यास के पाइप हॉरिजेंटल ड्रिल करके मजदूरों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। 15 नवंबर को दो हरक्यूलस विमानों से अत्याधुनिक ड्रिलिंग मशीन मंगवाई गई। 16 नवंबर को 9 मीटर तक ड्रिल किया गया। 17 नवंबर को 22 मीटर तक ड्रिलिंग की गई, लेकिन मशीन रुक गई। 18 नवंबर को मशीन नहीं चल पाई। इसी दिन पीएमओ के अधिकारी मौके पर पहुंचे और 5 योजनाओं पर काम करने की योजना बनाई गई।
19 नवंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बचाव कार्य की समीक्षा की। 20 नवंबर कों 6 इंच का पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में सफलता मिली। 21 नवंबर को एक कैमरा पाइप से अंदर भेजा गया और पहली बार मजदूरों के वीडियो सामने आये। 22 नवंबर को ड्रिलिंग का काम फिर से शुरू हुआ और 45 मीटर पाइप अंदर पहुंचा। 23 नवंबर को फंसे हुए 41 मजदूरों को निकाले जाने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन ड्रिलिंग मशीन खराब हो जाने से देर रात काम रुक गया। 24 नवंबर को कुछ देर मशीन चली, लेकिन इसके बाद पूरी तरह से टूट गई।
25 नवंबर को काम आगे नहीं बढ़ा। 26 नवंबर को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ। 27 नवम्बर को रैट होल माइनर्स की टीम में सुरंग के अंदर मैन्युअल खुदाई का काम शुरू किया। 28 नवंबर को शाम 7 बजे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया।
सड़क हादसों में 14 की मौत
नवम्बर के महीने में उत्तराखंड में हुई दो बड़ी सड़क दुर्घटनाओं को उदास रिपोर्ट में शामिल किया गया है। 17 नवम्बर को नैनीताल जिले की छीरखान-रीठासाहिब मोटर मार्ग पर पिकअप वाहन खाई में गिर गया। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई। 24 नवंबर को एक बार फिर से नैनीताल जिले में बड़ा सड़क हादसा हुआ। बाघनी पुल के पास यूपी के रहने वाले पर्यटकों का वाहन 500 मीटर गहरी खाई में गिर गया। इस घटना में 5 लोगों की मौत हुई।
उत्तराखंड और आपदा प्रबंधन
अनूप नौटियाल ने कहा की उत्तराखंड को अपने आपदा प्रबंधन तंत्र और क्लाइमेट एक्शन की कमज़ोर कड़ियों को मजबूत करने की सख्त ज़रूरत है। उन्होंने उत्तरकाशी टनल के हादसे को लेकर चिंता जताई और कहा की ये उम्मीद की जानी चाहिए की केंद्र और उत्तराखंड सरकार प्रदेश की समस्त परियोजनाओं पर पैनी नज़र रखते हुए आपदा प्रबंधन के तंत्र को मजबूत करेंगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उदास मंथली रिपोर्ट उत्तराखंड के राजनीतिज्ञों, नीति निर्माताओं, अधिकारियों, शोधार्थियों, सिविल सोसायटी और मीडिया के लोगों के लिए सहायक होगी। साथ ही आपदाओं से होने वाले नुकसान के न्यूनीकरण के लिए नीतियां बनाते समय भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।